Khali Naam Gulab Ka
प्रख्यात इतालवी कथाकार, सौन्दर्यशास्त्री और साहित्य-चिन्तक अम्बर्तो इको की यह क्लासिक औपन्यासिक कृति चौदहवीं सदी के एक इसाई मद में घटित रोमांचकारी घटनाओं का वृत्तान्त है ! मठ में एक के बाद एक होती आधा दर्जन से ज्यादा सन्यासियों की रहस्यमय हत्याएं और उपन्यास के मुख्य चरित्र, फ्रांसिस्कन सन्यासी और पंडित ब्रदर विलिमय द्वारा इस रहस्य को भेदने की कोशिशें, एक दूसरे गहरे स्तर पर, ज्ञान की किलेबंदी तथा उसको तोड़ने के विलक्षण रूपक में फलित होती हैं जिसमें पुस्तकें और बौद्धिक प्रत्यय, पठन, ज्ञान और जिज्ञासा के संवेग, धार्मिक आस्था और श्रद्धा के उत्कट, हिंसक आवेग जैसी अनेक चीजें अपनी साधारण एन्द्रियता के साथ हमारे अनुभव का हिस्सा बनती हैं ! एक ओर चौदहवीं सदी के इसाई जगत के धर्मपरिक्षणों और धर्मयुद्धों की पृष्ठभूमि में घटित होती रहस्य और रोमांच से भरी रक्तरंजित घटनाएँ, और दूसरी ओर, मानो, योरोपीय रेनेसां और एनलाइटमेंट की अगुवाई करते, बेहद सघन किन्तु उतने ही प्रांजल और अंतर्दृष्टिपूर्ण बौद्धिक विमर्श, एक दूसरे से अंतर्गुम्फित होकर, एक दूसरे में रूपांतरित होकर जिस महान त्रासद रूपक की रचना करते हैं, वह इस उपन्यास का चमत्कृत कर देने वाला अनुभव है !
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